कालसर्प दोष पूजा एक प्रमुख वैदिक उपाय है जो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के कालसर्प दोष को निवारण करने में मदद करता है। यह पूजा धार्मिक एवं आध्यात्मिक संबल को बढ़ाती है और संतोष और समृद्धि की प्राप्ति में सहायक होती है।
कालसर्प दोष ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण ग्रह दोष माना जाता है। इस दोष के लिए कहा जाता है कि जन्मकुंडली में राहु और केतु केंद्र में या फिर केंद्र से एकत्रित होते हैं। इसके अलावा, राहु और केतु के एक दिशा में सभी ग्रह होते हैं। यह दोष व्यक्ति को भयानक प्रभाव डाल सकता है और उन्हें अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
कालसर्प दोष के लक्षण विभिन्न हो सकते हैं, जैसे मानसिक तनाव, धन की हानि, शारीरिक कष्ट, व्यक्तिगत संबंधों में समस्याएं आदि। इसे दूर करने के लिए कालसर्प दोष पूजा, ध्यान और उपायों का अध्ययन किया जाता है। यह पूजा और उपाय व्यक्ति को इस दोष से मुक्ति दिलाने में सहायक होते हैं और उन्हें शांति और समृद्धि की ओर ले जाते हैं।
हमारी सेवाएं आपको रुद्राभिषेक पूजा, कालसर्प पूजा, मंगल भात पूजा, नवग्रह शांति और वस्तु पूजन की विशेषताओं से लाभान्वित करती हैं। यह सेवाएं आपके जीवन को समृद्धि, शांति और सम्मान से भर देती हैं।
उज्जैन और नासिक में कालसर्प दोष पूजा करने का महत्व: वेदों और पुराणों के अनुसार।
ग्रंथो के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष हो तो वह पूजन के माध्यम से कालसर्प दोष का निवारण करवा सकते हैं एवं इस दोष के प्रभाव को कम करने के लिए ब्राह्मणों द्वारा पूजन एवं जाप करवाना चाहिए।
वेदों एवं पुराणों के अनुसार कालसर्प दोष का पूजन संपूर्ण भारत वर्ष में दो ही स्थान पर होता है प्रथम उज्जैन एवं नासिक पुराणों के अनुसार मुख्यता कालसर्प दोष का पूजन उज्जैन में होता है क्योंकि यहां पर द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक महाकाल महाराज एवं मां हरसिद्धि का मंदिर है एवं यहां पर मोक्षदायनी शिप्रा के तट पर बैठकर ब्राह्मणों द्वारा कालसर्प दोष का निवारण किया जाता है |
आचार्य पुनीत का जन्म उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा का मौलिक स्त्रोत दंडी सेवा आश्रम, उज्जैन से प्राप्त किया था, जहां उन्हें वेदिक और ज्योतिष शिक्षा दी गई। इसके साथ ही, उन्होंने उज्जैन के शासकीय संस्कृत महाविद्यालय से शास्त्री और आचार्य की डिग्री प्राप्त की।
आचार्य पुनीत ने अपने जीवन को धार्मिक कार्यों में समर्पित किया है। उन्होंने अनेकों पूजन का आयोजन किया है, जिससे यजमानों को शीघ्र अत्यधिक फल की प्राप्ति हुई है। उनके द्वारा कार्यक्रमों में शामिल यजमानों की समस्याओं का समाधान वेदिक और शास्त्रोक्त पद्धति से किया जाता है। उनके किये गए पूजनों में रुद्राभिषेक, कालसर्प पूजा, मंगल भात पूजा, नवग्रह शांति, वस्तु पूजन, गृहप्रवेश, महामृत्युंजय जाप, ग्रहण दोष पूजा, ऋणमुक्तिपूजा, देवप्रतिष्ठा आदि शामिल हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से उन्होंने लोगों को आध्यात्मिक और भविष्यवाणी की ओर प्रेरित किया है।
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हमारी कालसर्प पूजा सेवाएं अद्वितीय और पेशेवर हैं, जो विशेषज्ञता और समर्थता के साथ आपके कालसर्प दोष का निवारण करती हैं। हमारी उपाय समाधान आपको शांति और सुख का अनुभव करने में सहायक होते हैं।
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कालसर्प पूजा को विशेष तिथियों या नक्षत्रों पर की जाती है, जब ग्रहों की स्थिति अनुकूल नहीं होती है। इसे करके जातक की आर्थिक, शारीरिक और मानसिक समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
कालसर्प पूजा में अनेक प्रकार के वैदिक मंत्रों और अनुष्ठानों का पाठ किया जाता है, जो विशेष तांत्रिक विधियों के साथ होता है। इसके अलावा, हवन, अनुष्ठान, और पूजा के दौरान मंत्रों का जाप भी किया जाता है।
कालसर्प पूजा करने से व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक संतुलन, सुख, और समृद्धि मिल सकती है। यह संबंधों में सुधार, स्वास्थ्य के लिए लाभकारी, और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए मददगार हो सकती है।
कालसर्प पूजा के विधान में विशेष तरीके से मंत्रों का पाठ, हवन और अन्य पूजनीय अभिषेक का आयोजन किया जाता है।
हां, कालसर्प पूजा कराने के लिए विशेष मुहूर्त की आवश्यकता होती है जो ज्योतिष के अनुसार निर्धारित किया जाता है।
हां, कालसर्प पूजा का समाधान आर्थिक समस्याओं, संतान सुख, करियर में रुकावटों, और सामाजिक संबंधों में सुधार करने में मदद कर सकता है।
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